जीवित बचे लोगों ने बताया कि जहाज पर हालात बहुत खराब थे
मोरक्को नाव त्रासदी की जांच कर रहे अधिकारियों ने पाकिस्तानी जीवित बचे लोगों के बयान दर्ज किए हैं, जिनमें मानव तस्करी की भयावह कहानी सामने आई है।
जीवित बचे लोगों ने आरोप लगाया कि मानव तस्करों ने नाव को खुले पानी में फंसा दिया था तथा यात्रियों से फिरौती की मांग कर रहे थे।
जो लोग भुगतान करने में असमर्थ थे, उन्हें कथित तौर पर हथौड़ों से पीटा गया और जहाज से नीचे फेंक दिया गया।
घटना की जांच के लिए पाकिस्तान का चार सदस्यीय जांच दल फिलहाल मोरक्को में है।
इस टीम में संघीय जांच एजेंसी (एफआईए), आंतरिक मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और खुफिया ब्यूरो के अधिकारी शामिल हैं।
उनके निष्कर्षों के अनुसार, नाव एक अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्करी नेटवर्क के नियंत्रण में थी, जिसमें सेनेगल, मॉरिटानिया और मोरक्को के कार्यकर्ता शामिल थे।
जीवित बचे लोगों ने बताया कि जहाज पर स्थितियां बहुत खराब थीं, यात्रियों को अत्यधिक ठंड, शारीरिक दुर्व्यवहार तथा भोजन और पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा था।
यह नाव 2 पाकिस्तानियों सहित 2025 प्रवासियों को लेकर 86 जनवरी 66 को मॉरिटानिया से रवाना हुई थी।
इनमें से 44 की पुष्टि हो चुकी है। मृतअभी तक केवल 10 शव बरामद हुए हैं।
तटीय शहर दखला में उन्नीस जीवित लोग बचे हुए हैं।
प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि कई मौतें हिंसा और तस्करों द्वारा लगाई गई कठोर परिस्थितियों के कारण हुईं।
जीवित बचे पाकिस्तानी लोगों ने इस बात पर जोर दिया कि यह घटना कोई दुखद दुर्घटना नहीं थी, बल्कि तस्करों द्वारा जानबूझकर किया गया नरसंहार था।
जिम्मेदार लोगों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के प्रयास जारी हैं।
एफआईए ने पाकिस्तान के गुजरांवाला और गुजरात जिलों में तस्करों के खिलाफ कई मामले दर्ज किए हैं।
संदिग्धों में वे लोग भी शामिल हैं जिन पर अत्यधिक शुल्क वसूल कर अवैध प्रवास को बढ़ावा देने का आरोप है।
पीड़ितों के परिवारों ने बताया कि एजेंटों ने यूरोप तक सुरक्षित रास्ता पहुंचाने का वादा करके 4 मिलियन पाकिस्तानी रुपए तक वसूले थे।
हालाँकि, उन्होंने अपने प्रियजनों को अंतर्राष्ट्रीय तस्करों के हाथों में सौंप दिया।
एक पीड़ित के परिवार ने बताया कि किस प्रकार एजेंटों ने उन्हें झूठे आश्वासन देकर गुमराह किया।
प्रवासियों को पहले पाकिस्तान से इथियोपिया ले जाया गया और फिर सेनेगल और मॉरिटानिया ले जाया गया, जहां वे दुर्भाग्यपूर्ण नाव पर सवार हो गए।
जीवित बचे लोगों ने बताया कि किस प्रकार कुछ यात्री इस दुर्घटना के दौरान हाइपोथर्मिया और भूखमरी के कारण मर गए।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पहले मानव तस्करी में शामिल लोगों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई का आदेश दिया था।
उन्होंने प्रवासन नेटवर्क की गहन जांच और सख्त निगरानी शुरू की।
इस त्रासदी ने मानव तस्करी से निपटने तथा सुरक्षित प्रवास मार्ग उपलब्ध कराने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग को फिर से तेज कर दिया है।
मोरक्को नाव त्रासदी एक बड़े संकट का हिस्सा है, वॉकिंग बॉर्डर्स की रिपोर्ट के अनुसार 10,457 में स्पेन पहुंचने की कोशिश में 2024 प्रवासियों की जान चली गई।
इनमें से कई मौतें खतरनाक अटलांटिक मार्ग पर हुईं, जिससे बेहतर अवसरों की तलाश में आने वाले प्रवासियों के समक्ष मौजूद खतरों पर प्रकाश पड़ता है।
जांच जारी है तथा पीड़ितों और बचे लोगों के परिवार न्याय और जवाबदेही की मांग कर रहे हैं।