राजनीतिक मतभेद कभी भी हिंसा का कारण नहीं बनने चाहिए।
अदियाला जेल के गेट नंबर 5 पर पीटीआई नेता फवाद चौधरी और बैरिस्टर शोएब शाहीन के बीच गरमागरम झड़प हो गई।
इसकी शुरुआत मौखिक विवाद से हुई।
रिपोर्टों के अनुसार, चौधरी ने शाहीन पर खुफिया एजेंसियों का एजेंट होने का आरोप लगाया, जिस पर शाहीन ने गुस्से में जवाब देते हुए कहा कि “अपने काम से काम रखो।”
यह बहस जल्द ही शारीरिक रूप में बदल गई जब फवाद चौधरी ने शोएब शाहीन को थप्पड़ मार दिया, जिससे वह जमीन पर गिर गए और उनके हाथ में चोट लग गई।
जेल कर्मचारियों ने तुरंत हस्तक्षेप कर झगड़ा शांत कराया।
घटना के बाद चौधरी जेल परिसर में चले गए, जबकि शाहीन अपनी चोटों का इलाज करते हुए वहीं रह गया।
पीटीआई की वकील नादिया खट्टक, जिन्होंने इस झड़प को देखा, ने चौधरी के कृत्य की निंदा की।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राजनीतिक मतभेद कभी भी हिंसा का कारण नहीं बनना चाहिए।
नादिया ने इस बात पर भी राहत जताई कि शाहीन को अधिक गंभीर चोटें नहीं आईं।
इस बीच, पीटीआई के वकील फैसल चौधरी को कानूनी अनुमति होने के बावजूद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से मिलने के लिए अदियाला जेल में प्रवेश करने से रोक दिया गया।
उन्हें उप-अधीक्षक के कार्यालय में दो घंटे तक रखा गया और फिर वहां से चले जाने को कहा गया।
घटना के बाद फैजल चौधरी ने जेल प्रशासन के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उत्पीड़न और कानूनी कार्यवाही में बाधा डालने का आरोप लगाया गया।
उन्होंने कहा कि उन्हें प्रवेश न देने से न्यायिक आदेशों का उल्लंघन हुआ है तथा पीटीआई सदस्यों और समर्थकों पर लगाए गए बढ़ते प्रतिबंधों को रेखांकित किया गया है।
9 मई के बाद सिर्फ़ एक पुलिसवाले से बचकर भागने वाले फवाद चौधरी ने आज अदियाला जेल के सामने वकील शोएब शाहीन को थप्पड़ मारा है
सभी लोग इस बदमाशी के खिलाफ आवाज उठायें@फवादचौधरी pic.twitter.com/ZheP57k3Ly— सरदार खान ????? (@ssardarkhanking) फ़रवरी 15, 2025
फैजल चौधरी ने बाद में मीडिया को संबोधित करते हुए राजनीतिक उत्पीड़न पर चिंता व्यक्त की।
उन्होंने जोर देकर कहा कि न्यायिक आदेशों के बावजूद पीटीआई नेताओं को मनमाने प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी को उनसे मिलने की अनुमति न देना उनके कानूनी अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है।
चौधरी ने जोर देकर कहा कि इस तरह की कार्रवाई लोकतंत्र के हित में नहीं है और इससे पाकिस्तान में राजनीतिक संकट और गहरा होगा।
अन्य समाचारों में, पूर्व पीटीआई नेता शेर अफजल मारवात ने पार्टी से खुद को निकाले जाने पर मजाकिया सवाल उठाकर नेशनल असेंबली में सुर्खियां बटोरीं।
ट्रेजरी बेंच के प्रवेश द्वार से प्रवेश करते हुए, मारवात ने सवाल किया: "मुझे क्यों हटाया गया?"
इस पर सरकारी सदस्यों ने ठहाके लगाए तथा सदन में विभिन्न प्रतिक्रियाएं आईं।
नेशनल असेंबली के स्पीकर ने मजाक में मारवात को सावधान रहने की चेतावनी दी, जिससे तमाशा और बढ़ गया।
अपने निष्कासन के बारे में मुखर रहे मारवात ने इस अवसर पर पीटीआई की आंतरिक नीतियों की आलोचना की।
उनकी टिप्पणी से सांसदों के बीच और अधिक चर्चा छिड़ गई तथा कुछ सरकारी सदस्यों ने उनके समर्थन में नारे लगाए।
हालाँकि, पीटीआई सांसद इस मामले पर कोई भी प्रत्यक्ष बातचीत करने से बचते हुए, मोटे तौर पर चुप रहे।
राजनीतिक तनाव बढ़ने के साथ ही पीटीआई आंतरिक संघर्षों और कानूनी लड़ाइयों में उलझी हुई है।
अदियाला जेल में हुई झड़प और पार्टी के भीतर चल रहे विवाद पार्टी के सामने गहराते विभाजन और चुनौतियों को दर्शाते हैं।